गधे से
कुत्ता बोला -
भाई क्यों उदास होते हो ?
मीठा गीत गाते हो
राह चलते भिखारी को
हँसाते हो
समाज में,
लोगों की जुबान पर
नाम कमाते हो !
गधा ठनठनाया
ठसक गिराते बतिआया
क्या करूँ दोस्त ?
अजीब बात है
स्वर भी बेसुरा
किन्तु शंख सा
फुकता है
तेज धमाल कर
कानों में गुसता है
रेल,बस भीड़ में
गुस्सा कर हँसाता है !
अशोक बाबू माहौर