
सुनाने आया हूं
सबकी आंखों में प्यार के ख्वाब सजाने आया हूं,
देश प्रेम का सबके मन में भाव जगाने आया हूं
गीत लिखे हैं माटी के कुछ वीरों की परिपाटी के
इस महफिल में वो ही सब गीत सुनाने आया हूं।
देश प्रेम का सबके मन में भाव जगाने आया हूं
गीत लिखे हैं माटी के कुछ वीरों की परिपाटी के
इस महफिल में वो ही सब गीत सुनाने आया हूं।
महेश बंसल