(1)
जीवन को जन्नत बना रही ,दुनिया मे सबसे प्यारी है ।
है दर्द की दवा वो तो ,मत समझ इसे बीमारी है ।
हँसमुख चेहरा बातूनी सी ,संस्कार ढले है जीवन मे ।
चंचल चितवन वो है रखती , शैतानी भरी पिचकारी है ।
चंचल चितवन वो है रखती , शैतानी भरी पिचकारी है ।
इससे ही सृष्टी चलती है ,ये रूकती तो सब रूक जाता ।
ये चंदन से भी शीतल है ,छेडोगे तो चिंगारी है ।
ये चंदन से भी शीतल है ,छेडोगे तो चिंगारी है ।
खुद की खुशियों का गला घोट , मुस्कान सभी को जो देती ।
गंगाजल सी पावन है ये , मत समझो अश्क ये खारी है ।
गंगाजल सी पावन है ये , मत समझो अश्क ये खारी है ।
करते जो भ्रूण हत्या इसकी , वो मूर्ख जहां मे लोग बडे ।
गागर मे सागर जैसी है , वो बिटिया बडी दुलारी है ।
गागर मे सागर जैसी है , वो बिटिया बडी दुलारी है ।
वात्सल्य लुटाती बच्चों पर , भगिनी बनकर वो दोस्त बनी ।
संघर्षो मे जो नीडर रही , मुश्किल जिससे सब हारी है ।
संघर्षो मे जो नीडर रही , मुश्किल जिससे सब हारी है ।
खेलों मे जीत रही मैडल , अब आसमान को छूती वो ।
बनकर झाँसी रानी दे दी , गोरों को मात करारी है ।।
बनकर झाँसी रानी दे दी , गोरों को मात करारी है ।।
(2)
जमाने का दस्तूर सबसे जुदा है ।
मुहब्बत भरा दिल ही रूसवा हुआ है ।।
जमाने का दस्तूर सबसे जुदा है ।
मुहब्बत भरा दिल ही रूसवा हुआ है ।।
तेरी रहमते है तू ही रहनुमा है ।
बाकी है कहना तू मेरा खुदा है ।
बाकी है कहना तू मेरा खुदा है ।
नजर फेरकर वो बैठे है ऐसे ।
जैसे हमे देखना तक मना है ।
जैसे हमे देखना तक मना है ।
टूटे हुए दिल के टूकडे संजोते ।
मुहब्बत करना खालिश जुआ है ।
मुहब्बत करना खालिश जुआ है ।
खामोश आँखों मे कुछ अनकहा सा ।
तेरी रूह ने मेरे दिल को छूआ है ।
तेरी रूह ने मेरे दिल को छूआ है ।
तुझे देखकर यूँ मचलती तमन्ना ।
दिल की जमी पर फिर गुल खिला है ।
दिल की जमी पर फिर गुल खिला है ।
फकत मेरे दिल की इतनी कहानी ।
हरेक धडकनों मे तुझी को सुना है ।
हरेक धडकनों मे तुझी को सुना है ।
चरागों मुझे भी जरा रोशनी दो ।
अँधेरे मे रखना ये कैसी सजा है ।।
अँधेरे मे रखना ये कैसी सजा है ।।
पुष्प सैनी
गुडगावँ ( हरियाणा )
गुडगावँ ( हरियाणा )