Header Ads Widget

नवीनतम रचनाएँ

6/recent/ticker-posts

 सुबह सुबह ( क्षणिका )

सुबह सबह
एक झलक
दिखा दो ।
दिन खुशियों 
से महका दो ।
अपनेपन का
एहसास करा दो ।

दोनों को ही
याद रहेगा 
मन में यादों का
ख्याल  रहेगा ।
दिल में भी 
दिल का
आभास रहेगा ।
                    
           अनन्तराम चौबे "अनन्त"
            जबलपुर (म प्र)
            9770499027