बारिश की बूंदों से है
सबका मन हर्षाया है ।
वर्षा के इस मौसम ने
ऐसा कर दिखलाया है ।
गर्मी से राहत पाई है
रिमझिम वर्षा आई है ।
आसमान में बादल छाये
वर्षा की ऋतु आई है ।
चारों तरफ छाई है देखो
हरियाली ही हरियाली है ।
आसमान में बदली छायी
बिलकुल काली काली है ।
सजनी के दिल में अगन लगी है
साजन बिन वो भी अकेली है ।
धकधक करके दिल धड़कता
साजन के बिन बारिश बनी पहेली है।
आंगन में बैठी इन्तजार में
साजन के घर आने को ।
रिमझिम रिमझिम पानी से
भिगो रही है तन मन को ।
बारिश की बूंदों से तन
को गीला करते बैठी है ।
मन की आग बुझाने को
साजन बिन बैठी रूठी है ।
अनन्तराम चौबे "अनन्त"
जबलपुर म प्र
9770499027
सबका मन हर्षाया है ।
वर्षा के इस मौसम ने
ऐसा कर दिखलाया है ।
गर्मी से राहत पाई है
रिमझिम वर्षा आई है ।
आसमान में बादल छाये
वर्षा की ऋतु आई है ।
चारों तरफ छाई है देखो
हरियाली ही हरियाली है ।
आसमान में बदली छायी
बिलकुल काली काली है ।
सजनी के दिल में अगन लगी है
साजन बिन वो भी अकेली है ।
धकधक करके दिल धड़कता
साजन के बिन बारिश बनी पहेली है।
आंगन में बैठी इन्तजार में
साजन के घर आने को ।
रिमझिम रिमझिम पानी से
भिगो रही है तन मन को ।
बारिश की बूंदों से तन
को गीला करते बैठी है ।
मन की आग बुझाने को
साजन बिन बैठी रूठी है ।
अनन्तराम चौबे "अनन्त"
जबलपुर म प्र
9770499027
