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मद्यपान पतन का कारण

मद्यपान पतन का कारण है

जीवन  नरक बन जाता है।

तन धन की वर्बादी होती है

परिवार तबाह हो जाता है ।


नशा कोई  हो बुरा होता है

आदत जिसको लग जाती है।

नशा किये बिन रहा न जाए

नशे की आदत जब पड़ती है ।


सट्टा, जुआ, शराब, गांजा हो

कोकीन, चरस, हीरोंन जो भी है ।

इसमें से किसी की लत लग जाए

फिर तो जीवन नर्क  बन जाता है ।


चौसर के खेल में पांडव देखो

राज पाठ सब कुछ हार गये थे ।

राजा से रंक सभी हो गये थे

बारह बरस तक वन में भटके थे ।


धृतराष्ट्र और दुर्योधन दोनों को

सत्ता का ऐसा नशा चढ़ा था । 

कौरव पांडवों का युद्ध हुआ 

और कौरवों का विनाश हुआ था ।


घर परिवार में किसी को यदि

शराब पीने की आदत पड़ जाये।

घर में खाने के लाले पड़ जाते हैं

पत्नी बच्चों के हाल बुरे होते हैं ।


मद्यपान पतन का कारण है

जीना भी मुश्किल हो जाता है ।

शराबी को पीने शराब मिले न 

जल बिन मछली सा तड़पता है ।


                      अनन्तराम चौबे अनन्त

                      जबलपुर म प्र