Header Ads Widget

नवीनतम रचनाएँ

6/recent/ticker-posts

साड़ी

 साड़ी



साड़ी सिर्फ़ परिधान नहीं

स्त्री गौरव की भी शान है,

साड़ी विश्व में भारतीय नारियों का

मान सम्मान स्वाभिमान है।


साड़ी में नारियों का सौंदर्य निखरता है

शक्ल सूरत सामान्य भी तो भी

साड़ी में नारी का रुप खिला लगता है।


हम लाख आधुनिक हो जायें

पर नारियों का साड़ियों के बिना

काम भी नहीं चलता है,

तीज, त्योहार, उत्सव, विवाद आदि

विशेष मौकों पर हर नारी का

साड़ियों के लिए दिल मचलता है।


साड़ी में ही नारी सुलभ लज्जा का

सजने, संवरने और पूर्णता  के साथ

नारी शक्ति कादर्शन होता है।


नारी जब सिर पर पल्लू डालती है

तब उसकी महत्ता का आभास होता है,

साड़ी में ही माँ के आँचल का

गहन भाव होता है।


नारी के जीवन में साड़ी के बिना

उसे कुछ खोने खोने जैसा

निश्चित अहसास है,

साड़ी नारियों का 

सबसे खूबसूरत परिधान होता है।


                              सुधीर श्रीवास्तव

                         गोण्डा, उ.प्र.

                             8115285921