राँची लिटरेचर फेस्टिवल में रामगढ़ की बेटी ममता मनीष सिन्हा ने बिखेरा शब्दों का जादू
दो दिवसीय साहित्य महोत्सव संपन्न
कोरोना काल के इस विकट दौर में मानसिक एवं शारीरिक संकट से गुजर रहे लोगों के बीच एक नयी एवं सकारात्मक सोच का संचार करने के उद्देश्य के साथ दो दिवसीय राँची लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया। यह आयोजन PIU फाउंडेशन के तत्वावधान में किया गया।जिसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ.सुरेश शौर्य 'प्रियदर्शी' एवं उपाध्यक्ष डॉ. रणधीर कुमार, आयोजन व्यवस्थापिका नीतू सिंह जी है।
महोत्सव में देश भर से जुटे कवि-कवयित्रियों ने अपने शब्दों से राँची की फ़िज़ा में एक नयी ऊर्जा, नया रंग घोल दिया।
महोत्सव में रामगढ़ की बेटी ममता मनीष सिन्हा ने अपने शब्दों के जादू से सबका मन मोह लिया। उन्होंने अपनी कविता " मैंने माँ लिखा" प्रस्तुत किया।
"पर जरा सोंचो मैंने क्या लिखा,
जिसमें मेरा सर्वस्व मैं दिखा,
तो मैंने तो बस "माँ" लिखा,
हां मैंने तो बस "माँ" लिखा।"
जिसे सुन अतिथियों, श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्हें अपना भरपूर समर्थन और बधाइयां दिया।
वहां उपस्थित गणमान्य अतिथियों, साहित्यकारों एवं श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखण्ड कई भाषाओं और सांस्कृतिक विभिन्नता से परिपूर्ण प्रदेश है। साथ ही उन्होंने झारखण्ड की कला, संस्कृति और साहित्य को पूरी दुनिया के सामने रखने के लिए एक मंच प्रदान करने हेतु राँची लिटरेचर फेस्टिवल के सभी व्यवस्थापकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन सृजनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आ.कुशवाहा शिवपूजन मेहता जी (पूर्व विधायक हुसैनाबाद विधानसभा सह केंद्रीय उपाध्यक्ष आजसू पार्टी) एवं गणमान्य अतिथि के रूप में पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉक्टर जंगबहादुर पाण्डे जी, वरिष्ठ पत्रकार आ. सुनील सिंह बादल जी, श्री चन्द्रिका ठाकुर देशद्वीप जी तथा वरिष्ठ कवयित्री आ.पूनम रानी तिवारी 'वनांचली' जी आदि काव्य मनीषीगण उपस्थित थें ।
ममता मनीष सिन्हा
रामगढ़ झारखंड