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हनुमान जन्मोत्सव (6अप्रैल) पर विशेष

 हनुमान जन्मोत्सव (6अप्रैल) पर विशेष

रामभक्त हनुमान जी



चिरंजीवी परमभक्त, भगवान राम के अनन्य सेवक 

बजरंगबली हनुमान जी का जन्मोत्सव आज है

जिसे दुनिया उनके बारह नामों 

हनुमान, अजंनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, 

रामेष्ट, फाल्गुण सखा, पिंगाक्ष, 

अमित विक्रम, उदधि क्रमण

सीता शोक विनाशन, लक्ष्मण प्राणदाता,

दशग्रीव दर्पहा से जानती, पुकारती है

रोज प्रातः काल इन नामों का जाप करती है।

तुलसीदास जी ने जिसे विज्ञानी बताया

जिनके विज्ञान ज्ञान से, दुनिया आज भी हैरान है।

लंका दहन के लिए

रावण की सभा में पूंछ को बढ़ाते जाना

अशोक वाटिका में मां सीता के सामने

अपने लघु और विशालकाय रुप दिखाना

विशालकाय समुद्र के पार जाना विज्ञान ही तो था

जिसे रामकथा वाचक मुरारी बापू 

विश्वास का विज्ञान मानते कहते हैं

लंका मे सीता जी की खोज,

संजीवनी बूंटी लाकर, लक्ष्मण की प्राण रक्षा को

विश्वास के विज्ञान से ही जोड़ते हैं।

उनके शील को ही उनका चरित्र बताते हैं

चरित्रवान को ही बलवान मानते हैं।

रावण भी युद्ध में राक्षसों को

किसी और की निंदा करने की छूट देता था

पर हनुमानजी की निंदा से बचने का आदेश दिया था ।

क्योंकि वह हनुमान जी को

शिव का ही रुप मानता था।

हनुमान की पवित्रता दूर्लभ है

तुलसीदास जी ऐसा ही मानते थे

तभी तो वह हनुमान का अर्थ 

पावित्रय होना कहते थे

हनुमान काम पावित्रय और 

हनुमान मोक्ष को भी पावित्रय बताते थे।

हनुमान को नीति निपुण, नीति निर्धारक मानते थे

हनुमान जी के जन्म ही नहीं कर्म को भी

दिव्य मानकर समझाते थे।

हनुमान का चरित्र हमें

जहां विश्वास भाव के मायने बताता है

वहीं हमें नकारात्मकता को पीछे छोड़

सकारात्मक सोच से जीवन

समृद्धि करने का संदेश भी देता है।

जिसकी हर सांस में प्रभु श्री राम का नाम है।

वही तो हमारे आपके हम सबके 

आराध्य, संकटमोचक, चिरंजीवी

वीर बजरंगबली हनुमान हैं,

जिनका आज जन्मोत्सव हम मना रहे हैं,

प्रभु राम की कृपा पाने के लिए

उनके परम भक्त हनुमान को शीष झुका रहे हैं। 


                                            सुधीर श्रीवास्तव

                                              गोण्डा उत्तर प्रदेश