आज मेरा जन्मदिन
आज एक जुलाई है
मेरा जन्मदिन भी है
मगर इसमें खास क्या है?
एक जुलाई तो अनंत काल तक आयेगा
पर मेरे जन्मदिन का साल
लगातार कम होता जायेगा।
हर साल,हर माह, हर दिन, हर पल
मेराजीवन काल कम होता जायेगा
फिर एक दिन मुक्ति मिल जायेगी
मेरा जन्मदिन भी भुला दिया जायेगा।
फिर भी आप चाहते हैं तो
आप सबकी बधाइयां, शुभकामनाएं स्वीकारता हूँ,
आप सभी बड़ों, बुजुर्गों
माताओं बहनों के चरणों में शीष झुकाता हूँ,
छोटों को लाड़, प्यार दुलार, आशीर्वाद देता हूँ।
पर एक बात समझ नहीं पाता हूँ,
इस दिन में विशेष क्या है?
अच्छा बुरा जैसे भी एक और साल
इस जीवन यात्रा का बीत गया,
आप के संग आपकी खुशी की खातिर
इस साल भी बेवकूफ बन रहा हूँ,
मृत्यु के एक साल और भी नजदीक आ गया हूँ।
अच्छा है हम इस दिवस को
मुक्ति के एक और साल करीब आने के
स्वागत दिवस के रुप में मनाएं,
जन्मदिन तो जीवन में
सिर्फ एक बार ही आया था,
जब मांँ की कोख से मैं
इस धरा पर आया था।
फिर हर साल जन्मदिन का
ढोल पीटने का मतलब क्या है?
जन्मदिन की औपचारिकता निभाने का
आखिर औचित्य क्या है?
जन्मदिन की आड़ में बेवकूफ न बनाइए
मेरे मोक्ष के एक और साल
करीब आने का खूब उत्सव मनाइये,
जन्मदिन की आड़ में भ्रम न फैलाइये।
जीवन का एक एक पल अपनी गति से
मुक्ति की ओर बढ़ रहा है
किसी बधाई, शुभकामना से
भला ये कहाँ कम है।
चलिए अच्छा है आप खुश हैं
जन्मदिन की बधाइयां
शुभकामनाएं, आशीर्वाद देकर
आपके इस प्यार, दुलार की आड़ में
हम भी तो आल्हादित हैं
जीवन मुक्ति के पल को
थोड़ा और...थोड़ा और करीब पाकर
अपनी खुशियों में आपका इस जन्म दिन पर
अद्भुत अनोखा प्यार, दुलार, आशीर्वाद पाकर,
जन्मदिन पर खूबसूरत उपहार पाकर।
सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921