कोरोना
ताण्डव करने लगा
स्थिति भयानक
बनाने लगा
फिर से!
करे क्या इंसान?
अब कहाँ जाये?
गर दुबके घर में
पेट रो देता है
और बाहर निकलते ही
कोरोना दबा लेता है |
जिंदगी बत्तर सी
लगने लगी है
जैसे छील रहा हो
देह को
कोई हौले हौले |
अशोक बाबू माहौर
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