हाहाकार मचा हुआ है
इस कोरोना की बीमारी से ।
घर परिवार मोहल्ले में
मौतें हो रही महामारी से ।
किसी की मां किसी का बेटा
लपेटे में आया कोरोना से ।
पति पत्नी भी संक्रमित हुए
इस कोरोना की बीमारी से ।
डर भय सबके मन में फैला
आतंक मचा है कोरोना से ।
शासन प्रशासन लगा हुआ है
जीत जायें इस कोरोना से ।
स्वस्थ्य विभाग लगा हुआ है
तत्पर अपनी सभी सेवाओं में।
डाक्टर नर्सों को निगल गया
मरीजों की करती सेवाओं में ।
क्या लाॅकडाउन लगाने से
कोरोना का ही इलाज सही है ।
सच कहना ये भी मुश्किल है
हां मास्क और दूरी सही है ।
अर्थ व्यवस्था चौपट न हो
यह भी तो देखना जरूरी है ।
बाजार बंद आवागमन बंद
पर पेट भर भोजन भी जरूरी है।
सेवा भाव और भक्ति भाव हो
ईश्वर में भी श्रद्धा भाव जरूरी है।
कोरोना के इस कहर से बचने
सभी व्यवस्थाएं भी जरूरी हैं ।
वाधायें और विपदाएं सभी तो
समय पर आती जाती रहतीं है ।
संयम और साहस न छोड़ना
मुसीबत में कठिन परीक्षा होती है।
अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर म प्र
