Header Ads Widget

नवीनतम रचनाएँ

6/recent/ticker-posts

केश तेरे कारे कजरारे


केश तेरे  कारे कजरारे 

झूमे अल्हड़ झोंरे से |

गाल गुलाबी गोरे गोरे 

दमक रहे मरू धोंरे से ||


चमके तेरा बदन सिंदूरी 

गुलमोहर के फूलों सा |

झीनी झीनी चूनर तेरी 

अंग दिखाये कोरे से ||


गोल गोल नैना मतवारे  

सागर से नीले नीले |

तीर के जैसी पलकें तेरी  

घाव करे हिये होरे से ||


सुर्ख सुघड़ से होंठ रसीले 

दहक रहे अंगारे से |

बोल है तेरे सरस सुरीले  

गुँजन करते भोंरे से ||


चंदा जैसा मुखड़ा तेरा

बिंदिया दमके बिजुरी सी |

कानों में कुंदन के  झुमके 

नाचे मोरनी मोरें से ||

                          "कवि" सुदामा दुबे