केश तेरे कारे कजरारे
झूमे अल्हड़ झोंरे से |
गाल गुलाबी गोरे गोरे
दमक रहे मरू धोंरे से ||
चमके तेरा बदन सिंदूरी
गुलमोहर के फूलों सा |
झीनी झीनी चूनर तेरी
अंग दिखाये कोरे से ||
गोल गोल नैना मतवारे
सागर से नीले नीले |
तीर के जैसी पलकें तेरी
घाव करे हिये होरे से ||
सुर्ख सुघड़ से होंठ रसीले
दहक रहे अंगारे से |
बोल है तेरे सरस सुरीले
गुँजन करते भोंरे से ||
चंदा जैसा मुखड़ा तेरा
बिंदिया दमके बिजुरी सी |
कानों में कुंदन के झुमके
नाचे मोरनी मोरें से ||
"कवि" सुदामा दुबे
