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वर्ण पिरामिड

 भूख

1

हे

प्रभु

आग भी

अजीब है

भूखे पेट की

हिल जाता इसां

बेबसी से कराहे।

2

ये 

आग

बुझेगी

मन तभी

शांत होगा

करना होगा

कोई उपाय

आखिर जीना तो है।

3

वो 

भूख की 

मार कब

तक,सहता

आखिरकार

दम तोड़ गया

जीवन हार गया।

4

न 

कभी

सताना

जो भूखा है

आह लगेगी

सह न पाओगे

श्राप लगेगा खुद


                 सुधीर श्रीवास्तव

             गोण्डा, उ.प्र.

                  8115285921