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राहें

 राहें


आसान नहीं होती

जीवन की राहें,

किसी की भी

अमीर हो या गरीब

छोटा हो या बड़ा।

सबकी राहें ही

कँटीली,पथरीली,

बाधाओं से सजी 

आगे बढ़ती हैं।

हम चाहकर भी 

पीछे नहीं हट सकते

क्योंकि जीवन तो

जीना ही है,

जीने के लिए

इन्हीं राहों पर ही तो

आगे बढ़ना होगा।

जीवन चलता रहे

यही मजबूरी है,

और राहें जो दिख रही हैं

उसी पर आगे बढ़कर

जीवन ही नहीं

राहों को भी तो    

मान देना जरूरी है।

     

             सुधीर श्रीवास्तव

        गोण्डा, उ.प्र.

             8115285921