अंशिका, अंतिमा के स्वरों की गूँज
बलरामपुर(उ.प्र.):सुधीर श्रीवास्तव:: कहते हैं जब लगन और निष्ठा हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता ।
कुछ इसी तरह देखने को मिल रहा है बलरामपुर उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव चरनगहिया,बेलहा में।
जी हां आपको बताते चलें किदो सगी बहनें जिनको गाने से अधिक प्रेम है,दोनों बेहद सुरीले व मीठे स्वर में गाती हैं,जिसको सुनकर सभी नि:शब्द होकर रह जाते हैं।
कुदरत का यह लीला देखिए कि कुछ वर्षों पूर्व इनके पिता स्व. चंद्रशेखर उपाध्याय जी का स्वर्गवास हो गया ,इनका पालन पोषण इनके बाबा- घनश्याम उपाध्याय जी,चाचा राजेश उपाध्याय जी व परिवार वालों ने किया।
ये चार सगी बहनें हैं,अंकिता उपाध्याय, अंशिका उपाध्याय, अंतिमा उपाध्याय व उमा उपाध्याय। अंकिता उपाध्याय ओज की सशक्त हस्ताक्षर सुप्रसिद्ध कवयित्री हैं,जबकि अंशिका व अंतिमा आजकल अपने स्वरों को लेकर चर्चा में हैं।
Nirmal Music Word Sahitya यूट्यूब चैनल पर आप इनके गीतों की धूम आप भी सुन सकते हैं।
इनके बाबा जी एक साधारण किसान है,व चाचा जी एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर के पद पर दिल्ली में कार्यरत हैं।
दोनों बहनों ने फेसबुक,व यूट्यूब पर कई गीतों को अपना स्वर दिया है और लाखों की संख्या में इनके गीतों को देखा व सुना जा रहा है।
अंशिका ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें उनके पूरे परिवार के सदस्यों का पूरा सहयोग मिलता है,जिसके कारण ही यह सब संभव हो पा रहा है।
आत्मविश्वास से लबरेज़ अंशिका ने यह भी कहा कि आगे भी आप सबको हम बहनों के मीठे स्वरों से सुसज्जित गीत सुनने को मिलते रहेंगे।
