मनोबल
ईश्वर का दिया हुआ अमूल्य उपहार है जीवन
अनेक रिश्ते नातों के बंधन में बंधा,
कुछ जन्म के, कुछ प्रेम के, कुछ दर्द तो कुछ द्वेष के
संबंधों में उलझा हुआ सा जीवन
कभी बुलंद हौसलों के साथ लक्ष्य लिए,
ख़ुशी के साथ चल रहा,
तो कभी निराशा और चिंताओं से ग्रस्त,
मनोबल को हारता जीवन
ईश्वर के दिए इस अमूल्य उपहार को खुल कर
के जी तू मानव ,क्योकि समय चक्र के साथ
इक दिन साथ तेरा छोड़ देगा यह जीवन
मनोबल को अपनी बनाकर तू ताकत,
पाता है जीने का लक्ष्य
जुट जाता है उनको पूरा तू करने
और पता है इक दिन तू मनचाही मंजिल
परंतु यह जीवन अनेक रंगों से रंगा
गर तेरी कोई ख्वाहिश न हो पाए पूरी
बोझ सा लगने लगता है फिर तुझको जीवन
और फिर एक दिन उसको हार है जाता
इसलिए न मनोबल को कभी तू खोना
तू मानव है कर्मो को करते तू चल
हौसला है तो साहस भी है
सब स्वीकार चाहे पास हो या फेल|
रायपुर छत्तीसगढ़
