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कैसा आया है समय

कवि उदय किशोर साह की कलम से निकली हुई कविता.... 
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कैसा आया है समय

कैसा समय आया है भगवन?
भाई ही बना भाई का दुश्मन
नहीं किसी से प्रेम मोहब्बत
भाई चारा की लुट गई सोहबत.

कैसा समय आया है भगवन?
इन्सान बना इन्सान का दुश्मन
लुट खसोट का गरम है बाजार
राम राज्य का लुट गया संसार.

कैसा समय आया है भगवन
नारी ही नारी की दुश्मन
सास ननद मिलकर है रूलाती
दहेज के लिये बहु को जिन्दा जलाती.

कैसा समय आया है भगवन?
नर बना है नारी का दुश्मन
काम में अंधा बन बैठा है
व्याभिचारी बन,ऊटपटांग करता है.

कैसा समय आया है भगवान?
असभ्य बना सभ्यता का दुश्मन
कुकर्मी की चाल मस्त है
सुकर्मी का सूर्य अस्त है.

कैसा समय आया है भगवन?
मजबूर का बना हर कोई दुश्मन
भूख झोपड़ी में सिसक रही है
महल वाले को भी नींद कहाँ है.

कैसा समय आया है भगवन?
अमन चैन का पनप रहा दुश्मन
आतंकवाद फन उठा खड़ा है
शांति व्यवस्था को हड़का रहा है.


                            उदय किशोर साह
                          मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
                            9546115088