सुविख्यात कवयित्री नंदनी लहेजा की एक कविता
जीवन एक उत्सव है
ईश्वर का दिया हुआ अमूल्य उपहार है जीवन
अनेक रिश्ते नातों के बंधन में बंधा,
कुछ जन्म के, कुछ प्रेम के, कुछ दर्द तो कुछ द्वेष के
संबंधों में उलझा हुआ सा जीवन
कभी बुलंद हौसलों के साथ लक्ष्य लिए,
ख़ुशी के साथ चल रहा,
तो कभी निराशा और चिंताओं से ग्रस्त,
मनोबल को हारता जीवन
ईश्वर के दिए इस अमूल्य उपहार को खुल कर
के जी तू मानव ,क्योकि समय चक्र के साथ
इक दिन साथ तेरा छोड़ देगा यह जीवन
जीवन का हर दिन तू जी उत्सव की तरह
प्रेम और खुशियां बाँट हर तरफ
भूल जा नफरतों को भीतर की
बड़ा हाथ अपने दूजों की मदद की तरफ
संतोष के दीपक जलते रहेंगे जीवन में
हर दिन दिवाली सा होगा प्रतीत
भाईचारे और सौहार्द्य के रंगो से खेल तू होली
भूल जा तू दुःखों का अतीत
नंदिनी लहेजा
रायपुर छत्तीसगढ़
