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राखी का त्योहार

 राखी का त्योहार



वर्ष भर रहता इंतजार 

सदियों से ऐसा होता आ रहा

भाई बहन के स्नेह बंधन का

आता है राखी का त्योहार।


मन में होता हर्षोल्लास

उमड़ता भाई बहन का प्यार

रंग बिरंगी राखियों से 

सज जाता हाट बाजार।


बहन भाई दूर हों या पास

होता सदा ही उनमें

निकटता का अहसास,

बिना अनुबंध के ही

होता उनमें अटूट विश्वास।


बहन की ममता, प्यार, दुलार

भाई पर बरसता सदा

बहन के लिए भाई

ढाल बन रहता हमेशा।


बचपन की नोंक झोंक

लड़ाई झगड़े, रुठना मनाना,

स्मृतियों में सदा ही रहते हैं,

बहन की डोली को विदा करते समय

भाई बीते दिनों को यादकर रोते हैं।


बहन डोली में बैठ विदा होती है

तब भाई के साथ बिताए पल

याद कर भाई से लिपटकर रोती है,

भाई का राजदार थी वो कल तक

उसकी ढाल बनती थी अब तक

अब भाई को अकेला करके जा रही है,

भाई की चिंता उसे खाये जा रही है।


अब तो राखी का त्योहार ही

सबसे बड़ा सहारा है,

आखिर वो भाई की लाड़ली है

और उसका भाई दुनिया में

सबसे प्यारा दुलारा है।

 

                              सुधीर श्रीवास्तव

                              गोण्डा, उ.प्र.

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