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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी -कविता- अनन्तराम चौबे अनन्त

        श्रीकृष्ण जन्माष्टमी



कारावास में जन्म लिया

लीला उनकी न्यारी थी ।

अत्याचारी राजा कंश की 

ऐसी वो  मथुरा नगरी थी ।


देवकी माँ ने जन्म दिया 

मथुरा के कृष्ण मुरारी थे।

घनघोर अंधेरी रात काली थी

कृष्ण कन्हैया जन्म लिये थे ।


देवकी  वासुदेव जेल मे थे

उसी जेल में जन्म लिये थे ।

कृष्ण ने ऐसी लीला दिखाई

दरवारी सब मूर्छित हुये थे ।


मथुरा से गोकुल जाना था

मूसलाधार भी बारिश थी ।

जेल के गेट सब खुल गये

जमुना जी में बाढ़ आई थी ।


कृष्ण भगवान के पैरों को

छूते ही बाढ़ कम हो गई ।

वासुदेव जी की मुश्किल जो

थी पल भर में आसान हो गई।


कृष्ण को लेकर वासुदेव

जमुना जी को पार किये ।

घनघोर अंधेरी रात में जाकर

यशोदा मैया को सौप दिये ।


कन्या को यशोदा से लेकर

वासुदेव जी जेल में वापिस आये ।

जन्म लेते ही भगवान कृष्ण ने

अपनी ऐसी लीला दिखलाये ।


कृष्ण की लीला कृष्ण ही जाने

उनकी  लीला बस न्यारी है ।

कृष्ण पक्ष की रात अंधेरी

लीलाधर की लीला न्यारी है ।


                           अनन्तराम चौबे अनन्त

                           जबलपुर म प्र/2595/

                     9770499027