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हे विघ्नहर्ता - कविता- सुधीर श्रीवास्तव

 हे विघ्नहर्ता



हे गणपति

गणपति गणेश

हे संकटहर्ता हे विघ्नहर्ता

हे विघ्न विनाशक गणपति बप्पा

अब आप आ ही गये हो तो

हमारा भी कल्याण करो

हार रहा है अब प्राणी

हे लम्बोदर कुछ तो ख्याल करो

हे एकदंत हे सिद्ध विनायक

जन जन का अब उद्धार करो

हे रिद्धि सिद्धि के दाता

अब नहीं सूझता मार्ग कोई

हे गणाधीश हे शिव सपूत

अब तुमको ही कुछ करना होगा,

कोरोना के संकट को अब

हे शक्ति पुत्र हरना होगा।

अक्षत चंदन रोली पुष्पों संग

हाथ जोड़ हम विनय करें,

अपने बच्चों के  खातिर बप्पा प्रभु

तुम्हरे मूसल की मार से ही अब

कोरोना को मरना होगा।

 

                       सुधीर श्रीवास्तव

                     गोण्डा, उ.प्र.

                         8115285921