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गणपति नंदन- कविता- अनंतराम चौबे "अनंत"

  गणपति नंदन



माता पार्वती के नंदन है

जय गणपति जग वंदन है ।

जय गणपति बप्पा सबके है

करते  हम सब अभिनंदन हैं ।


माता ने अपनी सुरक्षा में

पुत्र गणेश को जन्म दिया ।

शिव शंकर भोले बाबा को

इसका भी न आभास हुआ ।


माता की आज्ञा पालन में

देवताओं से युद्ध किया ।

बीच में आये महादेव को

दरवाजे पर ही रोक दिया ।


माँ की आज्ञा पालन करने में

महादेव से घमासान युद्ध हुआ ।

पिता पुत्र के बीच ,इस युद्ध में

पुत्र गणेश का ही बलिदान हुआ ।


दृष्य ये देख माँ पार्वती का

क्रोध से मन थर थर थर्राया ।

पुत्र को जीवित करने का

अपना संकल्प दोहराया ।


आनन फानन में महादेव ने

गजराज का सिर मंगवाया ।

पुत्र गणेश के सिर पर ही

गजराज के सिर को लगवाया ।


जीवित हुये गणपति नंदन 

नाम नया गजानन पाये ।

पिता पुत्र माँ पार्वती के

खुशियो से हैं  मन  हर्षाये  ।


                        अनन्तराम चौबे अनन्त

                        जबलपुर म प्र/2215/

                 9770499027