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माँ चंद्रघंटा

 माँ चंद्रघंटा



माँ जगदंबा के

चंद्रघंटा स्वरुप का

तीसरे दिन पूजन होय,

मस्तक पर चंद्र बिराजे माँ के

तभी माँ चंद्रघंटा भी कहाये।


सूर्योदय से पहले पूजन कर

जो माँ को मनाये,

भयमुक्त सदा होकर

धैर्य का वरदान पाये

क्रोध शांत शीतल बने

जो माँ चंद्रघंटा के

गुण गाये,भोग लगाए।


ह्रीं मंत्र का जाप करे

माँ के चरणों में ध्यान करे,

माँ से फरियाद करे

अपना जीवन सफल बनाये।

     

                             सुधीर श्रीवास्तव

                          गोण्डा(उ.प)