भारतीय गौरव साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान का कवि सम्मेलन
गोरखपुर (उ.प्र.): दिनांक 14.11.2021 को भारतीय गौरव साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थान के तत्वावधान में एक भव्य काव्य सम्मेलन का आयोजन काका मैरिज लॉन मोहरीपुर में किया गया। जिसमें गोरखपुर के साथ-साथ निकटवर्ती कलमकारों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री हरिप्रसाद सिंह ,लोक कला एवं भोजपुरी भाषा संरक्षण , विशिष्ट अतिथि दुर्गेश त्रिपाठी बजरंग दल एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती तारा सिंह अंशुल तारा अंजलि फाउंडेशन एवं सहयोगी संस्था, लोकर्थ फाउंडेशन, उपस्थित रहे ।कार्यक्रम का संयोजन आ.राजीव रंजन मिश्र एवं कार्यक्रम का संचालन आ. सरिता सिंह द्वारा किया गया ।सुंदर मुक्तकों गीतों, गजलों, कविताओं से कवियों,कवयित्रियों ने समा बांधा। कार्यक्रम में आ.विजय प्रताप शाही, आ. बृजेश राय , आ.स्मिता श्रीवास्तव, आ. सत्यनारायण पथिक , कवि गुमनाम अंजाना, आ.रीता गौतम , डा. नीलम पांडे,आ.बृजेश राय , आ.दयानंद त्रिपाठी निराला के अलावा गोंडा से आ. सुधीर श्रीवास्तव, आ. विवेक अज्ञानी, आ.प्रभात राजपूत आजमगढ़ से कवि आ. जय हिंद सिंह हिंद,.आ. महेंद्र मृदुल सहित अनेकानेक कवियों/कवियित्रियों, ने काव्य पाठ किया। संस्था की ओर से सभी प्रतिभागियों व संस्थाओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
एन. के त्रिपाठी अंजाना जी की कविता मां पर जहां सभी भावविभोर हुए वहीं कवि विवेक अज्ञानी की वीरों पर ओजपूर्ण कविता ने मन मोह लिया, कहीं पर नारी सशक्तिकरण के नारे गूंजे , तो कहीं श्री राम के गुणगान से मंच पवित्र हुआ , बाल दिवस पर बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए सुंदर कविताओं का पाठ हुआ वही कुछ वरिष्ठ कवियों ने छंद बद्ध रचनाओं से भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया, आशुतोष आशु ,ओम प्रकाशगौतम, महेंद्र मृदुल की सुंदर गजलों ने तो समा बांध दिया। आ. सुधीर श्रीवास्तव की 'कैकेयी के राम' की जमकर सराहना हुई।
आये हुए सभी प्रतिभागियों ने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति से उपस्थित सभी का मन मोह लिया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी अतिथियों ने मंच और सभी प्रतिभागियों को खूब शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के आधार स्तंभ एवं संस्था के संस्थापक डॉ संजय निराला जी ने सभी अतिथियों और कवियों का आभार व्यक्त किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरिप्रसाद जी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा की साहित्य और सांस्कृतिक विकास के ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर होते रहने चाहिए जिससे क्षेत्र की प्रतिभाओं को एक नया आयाम मिल सके। जबकि काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रही आ. तारा सिंह जी ने कल के भविष्य बच्चों को बेहतर ढंग से तराशने पर जोर दिया।
उत्साह भरे माहौल में काव्य सम्मेलन संपन्न हो गया।
(जानकारी सुधीर श्रीवास्तव द्वारा प्रदान की गयी है)