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हाइकू



 हाइकू

दुखती आँखें
लगा लिया सुरमा
सुखी बदन |

ढ़ेरों सवाल
कुछ नहीं जवाब
तीखे तेवर |

आम आदमी
नंगे पैर चलता
उदासी नहीं |

हरित खेती
मन पुलकित है
आयी बहार |

जागते सोते
खेत पर किसान
जाड़े पसरे |

    
                         अशोक बाबू माहौर 

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