मकरसंक्रांति
मौसम ने ली अंगड़ाई,
त्यौहार का अग्रज हुया,
नया साल का पहला त्यौहार
मकरसंक्रांति आई।
दादी का दुलार
नानी की मिठाई
दादा-नाना संग
मस्ती के दिन
याद आए वो
बचपन के पल
कोहरे के वो घना पर्दा
दादी का अलाव जलाना
मम्मी की वो पढ़ाई कराना
पेट दर्द वो आज याद आना
लुकाछुपि वो रिज़ाई में करना,
स्वेटर निकाल पानी में मस्ती करना,
एग्जाम टाइम बीमार होना
याद वो मकरसंक्रांति आई।
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश