आओ दोस्त......
आओ दोस्त तुम्हें दिखाये
झाँकी हिंदुस्तान की
बिन्दूक से शुरू हुई
चरखे पर ख़त्म हुई
अंग्रेजों से लड़ाई
धरती हिंदुस्तान की
सोये थे सारे भारत वासी
सुभाष को दिखा ख़्वाब,
ख़्वाब अधूरा थाझाँसी की रानी का,
निकल पड़े राह में अंग्रेजों को भगाने को,
जब खबर पड़ी भगतसिंह को
ख़्वाब अधूरा झाँसी का
सुभाष निकल पड़े सोये भारत को जगाने,
तब आज़ाद उठा बंदूक निकल पड़े अंग्रेज भागने को
महात्मा गांधी ने कमान समाली
ख़्वाब पूरा हुया झाँसी के रानी का
मुक्त हुई धरती अंग्रेजो से
अब अंग्रेजी से कराने की बारी हमारी है।
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश