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प्रतिभा जैन की दो कविताएँ

 (1)नया साल प्यार से 

नया साल 

प्यार से हम यूं मनाएंगे 

पुरानी सब 

बातों को भूल जाएंगे 

नए साल में 

प्यार की गंगा बहाएंगे 

प्यार का दे फूल 

हम नफरत मिटाएंगे 

खुश रहेंगे खुशियां    बाटेंगे 

 राग द्वेष का हम त्याग करेंगे 

 प्यार से 

सबको गले लगाएंगे 

हुई जो गलतियां हमसे 

माफी मांगेंगे

खुशी खुशी नया साल 

मिलकर मनाएंगे

कुछ दान करेंगे 

कुछ धर्म करेंगे 

मंदिर में जाएंगे 

कुछ पूजा करेंगे 

माता पिता के चरणों में झुकेंगे 

कुछ मिठाई खाएंगे  

पकवान बनाएंगे 

खुद भी खाएंगे 

सबको खिलाएंगे 

कुछ नाचे गाएंगे 

खुशियां मनाएंगे 

नया साल मनाएंगे 

खुश हो मनाएंगे 

सब मिल मनाएंगे 

नया साल मनाएंगे ! 

           


            


(2)साल बदल गया

साल बदल गया,

हालात न बदले मेरे।

किस बात की ख़ुशी मनाऊँ,

अपना का स्वभाव न बदल सका।

हर तरह बनती रही रणनीति,

अपनो को किसे गिराऊं।

जब पीठ पर चला खंजर,

तब हालत भी बदल गये

नया सबेरा

नई उमंग

नया दिन बदल गया।


                         प्रतिभा जैन

                                  टीकमगढ़ मध्यप्रदेश