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'पुरवाई त्यौहारों की' विषय पर माहेश्वरी साहित्यकार मंच पर आलेख लेखन प्रतियोगिता के प्रतिभागी सम्मानित

'पुरवाई त्यौहारों की' विषय पर माहेश्वरी साहित्यकार मंच पर आलेख लेखन प्रतियोगिता के प्रतिभागी सम्मानित 



गत दिवस माहेश्वरी साहित्यकार मंच के फेसबुक पेज पर आनलाइन लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई।जिसका विषय रहा -"पुरवाई त्यौहारों की"

जिसमें कई त्यौहारों को इंगित किया गया।
पदाधिकारियों में  संस्थापक श्री सतीश लाखोटिया (नागपुर) ने कहा,-"हमारा देश संस्कृतियों व त्यौहारों की परंपरा का देश है।"श्री मती मधु भूतड़ा अक्षरा( जयपुर) ने कहा-"जीवन भी पतंग की तरह कठपुतली समान है, जिसकी डोर परमात्मा के हाथ में है, अतः अहंकार कैसा! साथ ही हमें अपनी परंपराओं पर गर्व होता है।"कलावती कर्वा (पश्चिमी बंगाल) ने सरस्वती वंदना द्वारा संस्कृतियों को सुरक्षित किया।

स्वाति जैसलमेरिया -" नयी ऊर्जा व स्फूर्ति का संचरण करते हैं त्यौहार।"श्याम सुंदर माहेश्वरी व लाखनलाल माहेश्वरी ने त्यौहारों की महत्ता पर विचार व्यक्त किए।
आशा जी माहेश्वरी,राजश्री जी राठी, राकेश जी भैया आदि के आतिथ्य में कार्यक्रम शानदार रहा। 

विनीता निर्झर, लता राठी (जोधपुर )ने अपने विचार प्रेषित करते हुए कहा-"उत्सवप्रिया: मानव:'बारीकी से गौर करे तो हमारे सभी त्योहारों के पीछे एक उद्देश्य होता है जिनमे स्वास्थ्य, ग्रह नक्षत्र, ऋतु,समय,स्थिति सभी का समावेश कर अपने आराध्य को अर्पण किया जाता  है।"अयोध्या चौधरी (मध्यप्रदेश) ने कहा-"अनेकता में एकता हमारे देश की विशेषता है"मंजू हरकुट मेरठ ने कहा-"त्यौहारों की पुरवाई हमारे जीवन की एककरसता को दूर कर जीवन में खुशियां विखेरते हैं।"शशि लाहोटी कोलकाता ने कहा -" खुशी मनाने का दूसरा नाम ही त्यौहार है।" (मां भारती सम्मान)एड प्रसन्न राठी (नागपुर) ने कहा-"पुरवाई की हवा पश्चिम मे पहुंच कर अपना रंग बदलने लगी है।" डॉ शुभ्रा माहेश्वरी बदायूं ने कहा कि हमारे देश में सर्व धर्म समभाव रखते हुए त्यौहारों को मनाने की परम्परा ही हमें खुशियां देती है।
     
निर्णायक मंडल द्वारा १० फरवरी को घोषित परिणाम के अनुसार प्रथम स्थान- सुनीता माहेश्वरी ,सुमन माहेश्वरी को सर्वोत्कृष्ट कलमकार, द्वितीय स्थान- विनीता कावरा
तृतीय स्थान- पूजा नवीरा को मिला। सुमन माहेश्वरी को सर्वोत्कृष्ठ कलमकार घोषित किया गया।
निर्णायक मंडल में श्री विनोद नायक ( नागपुर) बाबूलाल पारीक (अलीपुरद्वार ), सुधीर श्रीवास्तव (गोंडा ), मनोज कुमार पुरोहित ,(अलीपुरद्वार ) को कर्म साधक सम्मान।
सुनीता मल्ल, मनीषा राठी, पुष्पा बल्दवा , घनश्याम लाठी को उत्कृष्ट कलमकार सम्मान दिया गया।
शशिजी लाहोटी को माँ भारती सम्मान
राजदीपजी पेड़ीवाल को साहित्य निष्ठ सम्मान
किरण कंलत्री, रेखा सोनी का विशेष सहयोग
प्रस्तुतियाँ रही अतुल  कासट,सुमन माहेश्वरी,गुंजन  कोठारी मोहता, भारती  माहेश्वरी, मनीषा शैलेन्द्र  राठी,बाल किशनजाजू ,श्वेताधुत ,स्वातिमान्धना ,नीलम पेङीवाल , किरण कलंत्री ,अनीता मंत्री, कुमकुम काबरा , अयोध्या चौधरी , डिम्पल माहेश्वरी , मीनू माहेश्वरी भट्टङ मीना मुकेश मिमाणी , ज्योत्स्ना माहेश्वरी , सुरेंद्र बजाज , लता राठी, सुनीता बाहेती, राखी बिहानी , नेहा चितलांगिया , अर्चना लखोटिया , डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी , नीलू मालपानी, दीपा काबरा , विनिता मालू निर्झर , रंजना बिनानी, पुष्पा  बलदेवा  ,शशि लाहोटी , अनुपमा तोषनीवाल , संगीता दरक, सरोज  गट्टानी, कपिल करवा , दामोदर दास  चांडक, डॉ. आभा माहेश्वरी , भगवती बिहानी , प्रसन्ना राठी, सुनीता  लाहोटी, वेद प्रकाश माहेश्वरी, तारा  चांडक, मंजू जी हरकुट, उर्मिला तापड़िया  को साहित्य साधक सम्मान दिया गया।सतीश लाखोटिया , मधु  भूतङा , स्वाति जेसलमैरिया , कलावती कर्वा , श्याम सुन्दर जी संस्थापक मंडल द्वारा आयोजन की सराहना की गयी। करीब  76 साहित्यकारों ने प्रतिभागिता की । जिन्हें सम्मानपत्र देकर सम्मानित किया गया।