युगो युगो से बोली जाती
सबके के मन को हिन्दी भाती
बुन्देली बघेली भोजपुरी हो
हिन्दी मिलकर बोली जाती ।
विश्व में हिन्दी भाषा प्यारी है
सब भाषाओं से न्यारी है ।
मान करो सम्मान करो
सब मिलकर गुणगान करो ।
द्वापर त्रेता सतयुग कलयुग
में हिन्दी ही बोली जाती थी ।
काव्य पुराण बने हिन्दी में
रामायण भी है हिन्दी में ।
कवितायें और उपन्यास भी
हिन्दी में ही बहुत लिखे गये हैं ।
हिन्दी भाषी भी बहुत क्षेत्र है
देश में हिन्दी के कई प्रदेश है ।
पंजाबी हरियाणवी हो
राजस्थानी या गुजराती है।
उर्दू वंगाली भाषाओ में
मिश्रण हिन्दी ही रहती है ।
हिन्दुस्तान की हिन्दी भाषा
राजभाषा का दर्जा पाई है ।
यही दुर्भाग्य हिन्दी का है
राष्ट्रभाषा नही बन पाई है ।
हिन्दी का दुर्भाग्य कहो
या फिर दुर्भाग्य हमारा है ।
निजी स्वार्थो के कारण ही
नही हो पाया भाई चारा है ।
ऐसी भाषा हिन्दी प्यारी
हिन्दी को नमन हमारा है ।
आज के दिन मनाये खुशी से
विश्व हिन्दी दिवस ये प्यारा है ।
अनन्तराम चौबे अनन्त
जबलपुर म प्र
