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माँ तो माँ ही है

माँ तो माँ है 

माँ के रूप में भगवान  है ।

माँ की सबसे ही

अलग पहचान है ।


माँ तो माँ ही है 

माँ ही जगत की जननी भी है ।

माँ देवी है माँ भक्ति है, 

माँ सी नहीं कोई शक्ति है  

सारा जगत माँ की ही संतान है 

माँ का हर बच्चा

आज बड़ा इंसान हैं ।


माँ बच्चों को 

अपने गर्भ से जन्म देती है ।

नौ माह बच्चों को 

गर्भ में भी रखती है ,

बच्चे को गर्भ में कष्ट न हो 

इसका भी ख्याल रखती है 

माँ बनने पर अपने आप पर 

गर्व महसूस भी करती है ।


जिस माँ  के बच्चे न हो

माँ  बनने को तड़पती है ।

मन ही मन में यही सोचती

माँ की ममता ऐसी होती है,

माँ तो माँ  ही है 

ममता की मूरत है

जगत में श्रेष्ठ है 

गुरू है 

पिता की सूरत है।


बच्चा पैदा होते ही

माँ माँ  कहकर रोता है,

बच्चा जब रोता है 

दर्द माँ को भी होता है,

झठ से उठाती है

कलेजे से लगाती है 

अपने आँचल  का दूध पिलाती है ।


बच्चा शान्त जब होता है 

सुकुन माँ को मिलता है 

माँ का दिल बच्चों  के

लिये ऐसे ही तड़फता है,

माँ है 

दर्द माँ को भी

अपने दिल में होता है ।

माँ तो बस माँ ही है

माँ का दिल बड़ा होता है ।


                   संपर्क 

           अनन्तराम चौबे अनन्त 

           जबलपुर म प्र

           मोबाइल - 9770499027